कैटरीना कैफ
























दो चीजें कैटरीना कैफ में अलग हैं। उनकी आंखों को देखकर कोई भी चित्रकार नहीं चाहेगा कि वह उन्हें न उकेरे। तसल्ली से देखने पर लगता है जैसे उनके चेहरे की सबसे बेहतरीन बात यही है। पलकों की सजवाट कुदरत की देन होती है। दूसरी है, उनके होठों की बनावट। मुझे काफी मशक्कत करनी पड़ती है जब मैं चाहें अभिषेक बच्चन के होठ बना रहा हूं, या एश्वर्य राय के। कैटरीना के होठ उनकी मुख्य पहचान हैं। उनके दो दांत चित्र में आसानी से देखे जा सकते हैं। ठोडी का आकार दूसरों से अलग जरुर है।

बालों को बनाने में मुझे कभी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। मैं मानता हूं कि कैटरीना को बनाना इतना आसान नहीं, मगर मैंने पूरी कोशिश की। मैं जानता हूं कि इस चित्र को बेहतर और अधिक किया जा सकता था, लेकिन शायद मैं एक चित्र को दोबारा नहीं बनाता- मजबूरी थकान की भी कही जा सकती है और हां, समय को कैसे भूला जा सकता है।

पैंसिल से बना है यह चित्र। केवल तीन बार पैंसिल को छीलना पड़ा- बाकि काम हाथ की अंगुलियों और आंख की पुतलियों ने किया। मस्तिष्क को कैसे भूला जा सकता है। ध्यान और शांति से बहुत कुछ सुन्दर बनाया जा सकता है।

आंखों की बात करुं तो सबसे पहले मैं आंखों से शुरुआत करता हूं- फिर नाम बनाता हूं और उसके बाद होठ। आंखों को जीवित करने की कोशिश मैंने सदा की है। शायद बोलती आंखें अच्छी लगती हैं। जितना समय मैं आंखें बनाने में खर्च करता हूं, उतने समय में बाकी चीजें बनती हैं।

-harminder singh

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